मिथिला महात्म्य
मिथिला महात्म्य
केहन हमर मिथिला रहे!
दादा हमर जमींदार रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
बड़का घर लोरिन रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
बड़का घर खवास रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
बड़का घर खवासिन रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
दूरा पर हजामत बने!!
केहन हमर मिथिला रहे!
दूरा घोड़ा हाथी रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
हजारों बिघा खेत रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे।
बैल आ हरवाह रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
डोली आ कहार रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
पान आ पिकदान रहै!!
केहन हमर मिथिला रहे!
चालू पैखाना सफाईवाला रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
बाभन आ सोलकन रहे!!
केहन हमर मिथिला रहे!
हमर मिथिला राज रहे!!
केहन मिथिला राज रहे!
दरबारी कवि गान रहे!!
केहन मिथिला राज रहे!
अपन दंड विधान रहे!!
केहन मिथिला राज रहे!
रामा मिथिला महात्म्य रहे!!
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
रचनाकार-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।