मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पाती क्योंकि ऐसी कहानियों के सर्जक अपने समय के बेवकूफ टाइप के बुद्धिमान अथवा सयाने लोग होते हैं।
फिर, कालांतर में इन कथाओं में कथा–भक्त लोग बेसिरपैर के अन्य तर्कातीत प्रसंग जोड़ते चले जाते हैं।