मिडल क्लास
हम मिडिल क्लास वाले किश्तों में जीते है
कुछ सपने पूरे होते,और कुछ अधूरे रहते है
होटल जाते तो मेनू कार्ड पे नज़र रहती है
जो सबसे सस्ता हो वहीं ऑर्डर हम करते है
शॉपिंग करते ही, टैग सबसे पहले देखते है
मोलभाव अधिकार हमारा,शिद्दत से करते है
फिल्म की टिकट सुबह की ही बुक करते है
चंद पैसे की खातिर बस पैदल चल देते है
फ्लाइट से जब कहीं गए जो हम तो
जी भर के फ़ोटो हम अपलोड करते है
ब्रांड के बस नाम ही हम सुनते है
पास के बाजार से कपड़े अक्सर लेते रहते
कभी फीस भरनी, कभी एसी ठीक कराना
इसी जद्दोजहद में हम जीते है, और मरते है
हम मिडिल क्लास वाले सबसे ख़ुश रहते है
आज़ तो जी लेते है कल की मेहनत करते है
किश्तों में जिंदगी हमारी,किश्त भरते रहते है
बिखरते सपनों को किस्मत कहते रहते है
कुछ भी हो हम पूरे जिंदादिल रहते है
हमारे बच्चें न बिगड़े, ना सुधरे ही दिखते है
मिडिल क्लास बस नाम को ही तो होते है
शौक हम अपर क्लास से ऊपर के रखते है
दीपाली अमित कालरा