Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2024 · 1 min read

मिडल क्लास

हम मिडिल क्लास वाले किश्तों में जीते है
कुछ सपने पूरे होते,और कुछ अधूरे रहते है
होटल जाते तो मेनू कार्ड पे नज़र रहती है
जो सबसे सस्ता हो वहीं ऑर्डर हम करते है

शॉपिंग करते ही, टैग सबसे पहले देखते है
मोलभाव अधिकार हमारा,शिद्दत से करते है
फिल्म की टिकट सुबह की ही बुक करते है
चंद पैसे की खातिर बस पैदल चल देते है

फ्लाइट से जब कहीं गए जो हम तो
जी भर के फ़ोटो हम अपलोड करते है

ब्रांड के बस नाम ही हम सुनते है
पास के बाजार से कपड़े अक्सर लेते रहते
कभी फीस भरनी, कभी एसी ठीक कराना
इसी जद्दोजहद में हम जीते है, और मरते है

हम मिडिल क्लास वाले सबसे ख़ुश रहते है
आज़ तो जी लेते है कल की मेहनत करते है
किश्तों में जिंदगी हमारी,किश्त भरते रहते है
बिखरते सपनों को किस्मत कहते रहते है

कुछ भी हो हम पूरे जिंदादिल रहते है
हमारे बच्चें न बिगड़े, ना सुधरे ही दिखते है
मिडिल क्लास बस नाम को ही तो होते है
शौक हम अपर क्लास से ऊपर के रखते है
दीपाली अमित कालरा

Language: Hindi
39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
पतोहन के साथे करें ली खेल
पतोहन के साथे करें ली खेल
नूरफातिमा खातून नूरी
*अर्जुन का सौभाग्य सारथी, उसने कृष्ण बनाए (गीत)*
*अर्जुन का सौभाग्य सारथी, उसने कृष्ण बनाए (गीत)*
Ravi Prakash
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
दो शब्द
दो शब्द
Dr fauzia Naseem shad
भोर
भोर
Omee Bhargava
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
" नाज "
Dr. Kishan tandon kranti
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
यही है हमारा प्यारा राजनांदगांव...
यही है हमारा प्यारा राजनांदगांव...
TAMANNA BILASPURI
अलसाई सी तुम
अलसाई सी तुम
Awadhesh Singh
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
gurudeenverma198
खुद को संभाल
खुद को संभाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
मुस्कुराकर बात करने वाले
मुस्कुराकर बात करने वाले
Chitra Bisht
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारी का सम्मान नहीं तो...
नारी का सम्मान नहीं तो...
Mohan Pandey
रक्षाबंधन....एक पर्व
रक्षाबंधन....एक पर्व
Neeraj Agarwal
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
🌺फूल की संवेदना🌻
🌺फूल की संवेदना🌻
Dr. Vaishali Verma
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
2722.*पूर्णिका*
2722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदना बोलती आँखों से 🙏
संवेदना बोलती आँखों से 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
अपनी ही हथेलियों से रोकी हैं चीख़ें मैंने
अपनी ही हथेलियों से रोकी हैं चीख़ें मैंने
पूर्वार्थ
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
■ ताज़ा शेर ■
■ ताज़ा शेर ■
*प्रणय प्रभात*
Loading...