मिट्टी में ही मिलना था तो
मिट्टी में ही
मिलना था तो
एक इंसान के रूप में
जन्म क्यों लिया
इस संसार में आकर
किसी ने क्या पाया
इस दुनिया को
प्रभु ने क्या सोचकर
बनाया
प्रकृति में इतने रंग
भरे
मनुष्य के दिल में
प्रेम का रस भरा
प्रीत का भाव जगाया
क्यों नहीं
भगवान श्री कृष्ण के
मोर मुकुट से तुम
आकाश के शीर्ष स्थल पर
विराजमान नहीं
क्यों भगवान के चरणों में
उतर आये इस धरती पर
इंसान का भेष धरकर
कण कण में तो तुम
समाये हो प्रभु
मैं तुम्हारी इस अदभुत लीला का
कैसे ज्ञान भरूं
कैसे ध्यान करूं
कैसे इसका किसी से
वर्णन करूं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001