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31 Mar 2024 · 1 min read

“मिट्टी की उल्फत में”

“मिट्टी की उल्फत में”
मिट्टी की उल्फत में हम
मोहब्बत भूल बैठे हैं,
निगाहें जमाए दुश्मन पर
हम सरहद पर बैठे हैं।
निपटा दूँ जरा दुश्मन को
फिर दौड़ा चला आऊंगा,
मुझे पता है इन्तजार में मेरे
आप भी कब से बैठे हैं।

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