Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 2 min read

मा ममता का सागर

मां ममता का सागर

मां बेटे की उम्मीद है मा बेटे की जिद है।
मां की फटकार बेटे को सही गलत की पहचान करवाती है
मौका लालच बेटे को सब्‌जीवन को से पहचान करवाती है
मां बेटे की उम्मीद लगाकर उसकी खातिर जीतने की जिद है
मां ममता की वो अमित छाप है।
पुत्र की सारी गलती उसकी.नजर में माफ है।
खुश होती पुत्र की किलकारियों से है
मां पुत्र की जीत भरी तालियो से
मां बेटे की उम्मीद लगाकर उसकी ख्वाहिश पर जीतने की
जिंद है।
मां भाईयो के प्रेम का संगम है।
मां ममता के प्रेम की चिंगम है !
सपना नफरत भरी आंखो का टूट गया-
जब मां की ममता उस परिवार की संगम है।
बेटे मां की उम्मीद आश भरी नजरो से बतियाते है।
समानता मां की हर मन मे उम्मीद भरी निगाहो से कहती है। अमानत रख मां को अपने मन मे पुत्र ‘की ख्वाहिश को सहती है।
मां की ममता को भुल गये
मां की नम्रता को गलत साबित हो गई
पुत्र प्रेम में फिर भी बरकरार रखा मां ने अपनी की ममता को
आज बेटे भुल गये झोरु से लगाकर.
आश मां की ममता खुद से बतयाति है।
जिसने रखा हमें अपने दिल के कोने में
आज उसे हमने रखा अपने घर के कोने में
जिसने लुटायी हम पर अपनी ममता की छाव
उसे बोझ समझ हमने दिया नौकर के भाव
क्यो बेटे भूल गये झोरु से लगाकर आश
, मां की ममता खुद से बतयाती है।
सह लेती है वो अपनी ममता से
कह लेती है,वो हमारी गलति को
वो अपनी म‌मता से हमारी जल्दी निगाहों को
आशीष वचन वो ममता में रख
सुखी जीवन यापन का वरदान देती है।
अन्तिमम पल वो ममता में मुझको देख
अपने सारे दुख-दुख का बलिदान देती है।
बेटे का पश्चाताप जगा. मां के जाने के बाद
नफरत होने लगी खुद को खुद से मिटाने के बाद

Language: Hindi
73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
फेसबुक
फेसबुक
Neelam Sharma
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
गुरू वाणी को ध्यान से ,
गुरू वाणी को ध्यान से ,
sushil sarna
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
होली के रंग
होली के रंग
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
Rekha khichi
*****हॄदय में राम*****
*****हॄदय में राम*****
Kavita Chouhan
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
*
*"परिजात /हरसिंगार"*
Shashi kala vyas
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
Dekho Bander bantta
Dekho Bander bantta
विनोद सिल्ला
!! कुद़रत का संसार !!
!! कुद़रत का संसार !!
Chunnu Lal Gupta
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
ज़रूरत नहीं
ज़रूरत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
😊अनुभूति😊
😊अनुभूति😊
*प्रणय*
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
यादों की बारिश
यादों की बारिश
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
4718.*पूर्णिका*
4718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" रौशन "
Dr. Kishan tandon kranti
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
विचार
विचार
Godambari Negi
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
Loading...