माहिया – डी के निवातिया
माहिया
******
जाती हो तो जाओ,
बीती बाते तुम,
यादो में ना आओ !!
!
आओ ना मस्ती में,
की खो ना जाऊं
मैं दिल की बस्ती में !!
!
मौसम रंगीला है,
दिल भारी भारी,
थोड़ा सा ढीला है !!
!
अब तो आओ सजना,
कब तक रहुं तन्हा,
बिन तेरे ना जचना !!
!
तन मन तुमपे वारी,
हारी मैं हारी,
जाती हूँ बलिहारी ।।
***
डी के निवातिया