माहिया – डी के निवातिया
माहिया
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दिन आये फूलों के,
मौसम डालने का,
पेड़ो पर झूलों के !!
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कोयल का गान सुनो,
क्या कहती है ये,
रखकर तुम कान सुनो !!
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गाती है गीत मधुर,
कहती है साजन,
छू लो रे मीत अधर !!
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बागों में पक आये,
अमवा मीठे रे,
देख जिया ललचायें !!
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फूलों संग खिलने की,
मिल जाओ साजन,
आई रुत मिलने की !!
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डी के निवातिया