Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

मासूम का क्या कसूर

एक कूड़े के ढेर पर
एक कपडे में लिपटा
देखा एक नन्हा सा
जीव

क्या कसूर था उसका
क्या पैदा होना भ्रम था उसका
क्या इसी लिए आया था वो
या वो पाप था , किसी और का

जब पालना न था , तो फेंक दिया
जब डर इतना था, तो क्यों किया
एहसास नहीं था शायद उसको
इक माँ का दर्द शायद नहीं था उसको

दुनिया की लाज का डर उसे सताता है
पर ममता का पलना हर पल रोता है
खालीपन का साया हर दम सताता है
पर उस जीव की किस्मत एक धोखा है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
बिछड़कर मुझे
बिछड़कर मुझे
Dr fauzia Naseem shad
2446.पूर्णिका
2446.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क में  हम वफ़ा हैं बताए हो तुम।
इश्क में हम वफ़ा हैं बताए हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
Kanchan Alok Malu
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
Paras Nath Jha
कसूर किसका
कसूर किसका
Swami Ganganiya
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धन्य-धन्य वह जीवन जो, श्री राम-नाम भज जीता है 【मुक्तक】*
*धन्य-धन्य वह जीवन जो, श्री राम-नाम भज जीता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बड़ी दूर तक याद आते हैं,
बड़ी दूर तक याद आते हैं,
शेखर सिंह
नाम में सिंह लगाने से कोई आदमी सिंह नहीं बन सकता बल्कि उसका
नाम में सिंह लगाने से कोई आदमी सिंह नहीं बन सकता बल्कि उसका
Dr. Man Mohan Krishna
अजीब सी चुभन है दिल में
अजीब सी चुभन है दिल में
हिमांशु Kulshrestha
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
"संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सीख लिया है सभी ने अब
सीख लिया है सभी ने अब
gurudeenverma198
Loading...