माशूक की इल्तिज़ा
तेरे चांद से चेहरे को देखने के लिए बेचैन रहते हैं।
हर लम्हा तेरे आगोश में कैद होने की फिराक में रहते हैं।
जब तेरे नजदीक होते हैं तो बेहद सुकून में रहते हैं।
तेरी हर अदा हर मुस्कान पर कायल हुए जाते हैं।
बेरोक मोहब्बत तुझसे कर बैठे हैं।
कि तेरे इश्क में फना होने को तैयार रहते हैं।
“समीर”