प्राणवल्लभा 2
तेरी बनावट बेमिशाल है,
तेरे लबो का रंग अभी लाल है।
रश्क करते मर जायेंगे लोग,
कि ये किस कारीगर का कमाल है ।।
हम करते है इश्क़ तुझसे,
तेरी आँखों मे इक़ जहाँन है ।
कहर ढा दो तुम जिसपे चाहो उसपे,
क्योंकि तेरे गेसुओं का रंग धमाल है ।।
ज़बी पर तेरे नूर की बरसात है,
तेरी आँखों मे रंग पर्याप्त है ।
देख के सब फिदा हो जाएं,
तेरे जिस्म का ये सारा कमाल है ।।
©अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’