मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान
आज दिवस पच्चीस दिसंबर जन्मे पुरुष महान
(1)
महापुरुष यह रहे सदा भारत माँ के उन्नायक
देशभक्ति के मुखरित स्वर यह भारत मॉं के गायक
इनकी उजली साख कीर्ति यश दुनिया भर ने गाई
इनके ही बल पर भारत ने निज पहचान बनाई
इनकी त्याग तपस्या से है सुरभित हिंदुस्तान
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान
(2)
पद प्रधानमंत्री का शोभित था इनके आने से
निष्कलंक थे अटल बिहारी जाने-पहचाने से
शांतिदूत की रची भूमिका, विश्व शांति थी चाही
लड़ा कारगिल- युद्ध, यही थे रण के पथ के राही
संयुक्त राष्ट्र में गूँजा इनसे हिंदी का जय – गान
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान
(3)
याद करो फिर मालवीय जी प्रखर राष्ट्रवादी जो
जीते थे निर्मल चरित्र, शैली सीधी-सादी जो
इनके तप से बना विश्वविद्यालय हिंदू आया
गोरों के शासन में जिसने भारत- धर्म निभाया
यह परंपरा की भारत के थे उज्जवल पहचान
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान
(4)
युगों-युगों तक भारत इनसे प्रेरित सदा रहेगा
पावनता का शुभ प्रवाह स्रोतों से सदा बहेगा
यह अतीत के गौरव को नवयुग में लाने वाले
भारत मॉं को अर्पित यह नित चँवर झुलाने वाले
भरा हृदय में भारतीयता का इनमें सम्मान
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451