माया
काया में जलते हो,
माया में जलते हो,
हसरतों के बाजार में
खुदी को बेचकर जलते हो।
कुछ देर का ठहराव है,
दुनिया एक सराय है,
ये घर नही अपना,
जो तुम यहाँ समझते हो।
यह स्वप्न एक दिन टूटेगा,
समय हाथों से छूटेगा,
साथ न कुछ ले जा पाओगे,
गठरी अपना जिसे समझते हो।
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)