माया मोह के दलदल से
माया मोह के दलदल से
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम
काम पिपासा के दानव को
मन से बाहर लाओ तुम
अज्ञान मार्ग को छोड़कर
सत्मार्ग पर आओ तुम
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम
अन्धकार से नाता तोड़ो
प्रभु भक्ति से मन जोड़ो
पावन चरण प्रभु के पकड़ो
मोक्ष मार्ग में खुद को जकड़ो
अधर्म राह को छोड़
धर्म से मोह लगाओ तुम
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम
अहंकार के अन्धकार से
यूं न प्रीत लगाओ तुम
कर्म राह को , धर्म राह कह
सच से रीत निभाओ तुम
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम
चंचल मन को बस में करके
प्रभु को मीत बनाओ तुम
सत्य राह पर चलो हमेशा
आदर्श की गंगा बहाओ तुम
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम
क्या खोया , क्या पाया मैंने
यूं न मन को दुखाओ तुम
मानव तुम , मानव ही रहना
मानवता को न लजाओ तुम
माया मोह के दलदल से
बाहर आओ हे मानव तुम