माया जी राहुल जी का प्रेम वार्तालाप –आर के रस्तोगी
तुम करती हो हाथी की सवारी
मेरे पास है खाली पंजा,प्रिये !
मै पंजे से कुछ न कर सका
तुमने शिकंजा कसा सब पर प्रिये !
अखिलेश करता है साइकिल सवारी
मेरी किस्मत में न कोई सवारी प्रिये !
इस हालात में क्या करू मै अब
तुम ही देगी मुझे सहारा प्रिये !
तुम्हारे पास है सांवली सूरत
मेरे पास है न ऐसी सूरत प्रिये !
तुम्हारे पास तो माया ही माया
मै हूँ हिंदुस्तान का कंगाल प्रिये !
मै भी कुंवारा,तुम भी कुंवारी
कैसे हो हमारा अब बंधन प्रिये !
पहले हम महागठबंधन कर लेते
फिर देखेगे अपना ये बंधन प्रिये !
तुम ऐश्वर्य जैसी विश्व सुन्दरी
मै सोनिया जी का पुत्र प्रिये !
तुम कर्णाटक की गठबंधन हो
अब होगा मेरा तेरा प्यार प्रिये !
तुम लालू जैसी पशु प्रेमी
मै चिन्द्रम से इमानदार प्रिये !
तुम हो निर्दोष टू जी बोफोर्स
मै हूँ लज्जित भ्रष्ट जीव प्रिये !
मै आरएसएस का उग्रवाद
तुम आईएसएस का शांत रूप प्रिये !
मै मंदिर का कर्णकटु शंखनाद हूँ
तुम अजान की झंकार हो प्रिये !
तुम रेणुकी की सी हो आवाज
मै स्मृति का अठ्ठास प्रिये !
तुम मर्यादित भाषा निरुपम की
मै अडवाणी जैसा वाचाल प्रिये !
तुम भारत की गौरव जिन्ना हो
मै भगतसिंह जैसा आंतकवादी
तुम हिंदुस्तान की आजादी हो
मै तुम्हारा हूँ काशीराम प्रिये !
मै कश्मीरी पंडित अतिक्रमी हूँ
तुम पीड़ित निरीह रोहिग्या हो
मै रिफयूजी कैम्प के काबिल हूँ
तुम पूरे भारत की हकदार प्रिये !
आर के रस्तोगी