मायाजाल
फ़टी जेब हालत गंभीर,
कुछ भी समझ न आए,
लोगो में भी अलग तमाशा,
मन कैसे कैसे न घबराए।
घर पर बीबी क्लेश करे तब,
खाली हाथ जब घर जाएं।
दुनियादारी दिखती है सब,
बिन पैसे ना कोई अपनाए,
सब्जी भाजी राशन पानी,
सब पैसों के दूत हैं,
फट न जाये जेब तुम्हारी,
ये मायावी यमदूत हैं।
गाड़ी पंचर हाल पुराने,
अब दिखती नई पहचान है,
आनाकानी छोड़ो भैया,
सब जगह सिर्फ पैसों
का ही अब मान है।
तो कर्मठता दिखलाएं,
अपनी जेब को बचाएं,
याद रखना भैया,
कभी फ़टे जेब ना,
नहीं तो घर वाले ही
आंख दिखा घुर्रायें।