मायाजाल
तुच्छ लाभ प्राप्ति की तुलना में पक्षपात की मात्रा अत्यधिक होती है ।
एक बार इस मायाजाल में फंसने से व्यक्तिविशेष अपना आत्मसम्मान खोकर पैसे का गुलाम बन जाता है ,और भटकी हुई राह से वापस लौटने की संभावनाएं समाप्त हो जातीं हैं ।
तुच्छ लाभ प्राप्ति की तुलना में पक्षपात की मात्रा अत्यधिक होती है ।
एक बार इस मायाजाल में फंसने से व्यक्तिविशेष अपना आत्मसम्मान खोकर पैसे का गुलाम बन जाता है ,और भटकी हुई राह से वापस लौटने की संभावनाएं समाप्त हो जातीं हैं ।