“मायने”
“मायने”
यह बात कोई मायने नहीं रखती कि इंसान कैसे मरता है, बल्कि यह बात मायने रखती है कि वह कैसे जीता है। बेहतर है कि जीवन को अर्थपूर्ण तरीके से जिएँ।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
“मायने”
यह बात कोई मायने नहीं रखती कि इंसान कैसे मरता है, बल्कि यह बात मायने रखती है कि वह कैसे जीता है। बेहतर है कि जीवन को अर्थपूर्ण तरीके से जिएँ।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति