*मानुस-मन*
मानस वन की उक्ति ‘प्रबल’
नर वहीं पर नजरिया बदल,
कुछ दिन, कुछ छड़ या कुछ पल
नर वही पर नजरिया बदल,
अपने हित पर निति सबल
पर गैरों पर जाते बदल,
स्वार्थ परक ओढ़े कंबल
मुँह छिपाकर जाते निकल
मानस वन की उक्ति ‘प्रबल’
नर वही पर नजरिया बदल,