“मानवता के दुश्मन”
“मानवता के दुश्मन”
जो समानता, स्वतंत्रता, बन्धुत्व और न्याय के मूल सिद्धान्तों के विरोधी होते हैं, वे ही मानवता के दुश्मन हैं।
“मानवता के दुश्मन”
जो समानता, स्वतंत्रता, बन्धुत्व और न्याय के मूल सिद्धान्तों के विरोधी होते हैं, वे ही मानवता के दुश्मन हैं।