मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
कुट नीति से कुचलवाद करना हैं
आंतंकी क्ररता की सारी सीमाएं पार कर जाते हैं
मुक पशुओं भी क्रुरता नहीं कर पाते हैं
संयुक्त राष्ट्र संघ को , उसे संपूर्ण विश्व
से हटाने की बारी आयी हैं
अब की बार संघ को उसे मिटाने की कारगर योजना बनाना हैं
धर्म मज़हबी कट्टरता ही आतंकी जड़े हैं ,
धार्मिक कट्टरता से जुनूनी भाषावादी जुड़े हैं ।
सत्ता के लोभी दोहरे चरित्र को छोड़ते नहीं हैं ,
अहिंसा के मूल्यों पर समझौता करते हैं ,
और उसके जड़ो पर पानी देते हैं
महान तो हमारे सैनिक हैं ,
जिसके शक्ति से रौनक हैं
करुणा , प्रेम , सत्य और अंहिसा के सुत्र अपनाना हैं
धर्मांध स्वार्थ त्याग कर मानवता को पाना हैं
आज हमें सभी को एकजुट होकर,
दुश्मन को मिटाना हैं
“एकजुटता” की शक्ति से शत्रु की जड़ें काटना हैं
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– राजू गजभिये