Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2022 · 1 min read

मानकके छडी (लोकमैथिली कविता)

आन्हर भँ जे काज करैय,
एक भगहा बैन फतवा जारी करैय,
जनसरोकार सबालमे मृत्तप्राय: बनल रहैय
ओहेसभ ऐतह अभियन्ता कहबैय ।

जन-जनके फोडबाक जे काज करैय,
मौसमी उलेमा जारी करैय ,
सहोदराके भाषाके बोली कहैय,
ओहेसभ ऐतह अपनाके अगुवा कहबैय ।

लोकशैली जे पसंद नै करैय,
रग-रगमे जक्कर जातिबाद भरलय,
फरक मत रैखते जेकरा भक्कचोहनी लगैय,
ओहेसभ अभियानी कहबैय ।

करिया सोच जे सदखनि रखैय,
मानक शैलीके मात्र अपन बुझैय,
आनक शैलीमे खुर्लुच्ची बनैय,
ओहेसभ अमुक संस्थाके नामपर विज्ञप्ती जारी करैय ।

संकुचित घेरामे जे ओझरायल रहैय,
संसार ओहीके सदखैन मनैय,
अपन परिधी बाहरक लोकके शत्रु बुझैय
ओहेसभ अमुक भाषाके कथिक मुखिया बनैय ।

बौद्धिक अपराधमे जे खुब रमैय,
भाषिक दियादक सफलतामे जैल मरैय,
प्रतिस्पर्धी स्रष्टाके विरोधमे गरदमगोल करैय,
ओहेसभ अपनाके भाषिक मैञ्जन बुझैय ।

मानकके छडी सँ जे आनके डङ्गवैय,
छिकाछिकी,जोलहा,ठेठीके अपन नय मनैय
विपैतमे मात्र सभहक शैलीके अपन बुझैय,
ओहेसभ भावभंगिवा आ चोली बदैल प्रचाररतिमे डुबैय ।

#दिनेश_यादव
काठमाडौं (नेपाल)

Language: Maithili
2 Likes · 353 Views
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all

You may also like these posts

4635.*पूर्णिका*
4635.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपना कहूं तो किसे, खुद ने खुद से बेखुदी कर दी।
अपना कहूं तो किसे, खुद ने खुद से बेखुदी कर दी।
श्याम सांवरा
रक्षाबंधन के शुभअवसर में
रक्षाबंधन के शुभअवसर में "सोज" के दोहे
Priyank Khare
जीवन का सफर नदी का सफर है
जीवन का सफर नदी का सफर है
Harinarayan Tanha
रोला छंद. . . .
रोला छंद. . . .
sushil sarna
The best way to end something is to starve it. No reaction,
The best way to end something is to starve it. No reaction,
पूर्वार्थ
तजुर्बे से तजुर्बा मिला,
तजुर्बे से तजुर्बा मिला,
Smriti Singh
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
VINOD CHAUHAN
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
Dushyant Kumar
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
रात का शहर
रात का शहर
Kanchan Advaita
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
भारत का गौरवगान सुनो
भारत का गौरवगान सुनो
Arvind trivedi
रौनक़े  कम  नहीं  हैं  चाहत की
रौनक़े कम नहीं हैं चाहत की
Dr fauzia Naseem shad
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
अजब-गजब
अजब-गजब
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
"तिकड़मी दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
यही सत्य है
यही सत्य है
Rajesh Kumar Kaurav
हाइकु
हाइकु
भगवती पारीक 'मनु'
शेर-
शेर-
*प्रणय*
Loading...