माथे पे मुहब्बत लिख दिया है
जर्रे जर्रे से उठ आएँगी अब तो सदाएँ
दरो दीवार पे हमने तेरा नाम लिख दिया है।
सर तमन्नाओं के क़लम करके कागज़ पे
मैंने हाले दिल अपना पैगाम लिख दिया है।
अब तो मुर्दे भी जी उठेंगे अपनी ताबूत से
मैंने क़ब्र पे उनके, मकाम लिख दिया है।
तूने मुझे जीने न दिया, मरने न दिया,
माथे पे मेरे,मुहब्बत का नाम लिख दिया है।