मात-पिता श्री गुरु चरणों में बारंबार प्रणाम है
मात-पिता श्री गुरु चरणों में, बारंबार प्रणाम है
मेरे जीवन प्राण आप हैं, आप मेरे भगवान हैं
पाल पोस कर बड़ा किया, मेरा जीवन महकाया
पहला शब्द सिखाया मां ने, पिता ने बोझ उठाया
विद्यालय में गुरु मिले, पढ़ना लिखना सिखलाया
विद्यालय से विश्वविद्यालय तक, शिक्षक गुरु मिले
जीवन पर उपकार है उनका, जीवन के हर पाठ मिले
मोल नहीं है धरती पर, शिक्षा के अवदान का
मात पिता और गुरु रूप हैं, धरती पर भगवान का
श्राद्ध दिवस पर आज ह्रदय से, श्रद्धा भाव समर्पित है
मात पिता और शिक्षक गुरु पर, हृदय आज गर्वित है
सदा सदा अंतस में मेरे, गुरुवर तुम्हारा ज्ञान रहे
जब तक शरीर में सांस रहे, सदा तुम्हारा ध्यान रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी