मात्रिक वर्णिक छंद
पिंगल रचना मधुर भवानी , नमन करें मुनिवर विज्ञानी ll
मात्रिक वर्णिक छंद विधाना, कल यति गति गुण कविता प्राना ll
कवि कविता मन भाव अपारा , मुदित काव्य रस छंद विचारा ll
अलंकार सौंदर्य विभूती , मधुप मधुर गुंजन करतूती ll
प्राना=प्राण
राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी