Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2019 · 1 min read

मातृभूमि की महिमा

मातृभूमि की महिमा
भारत माता भाग्य विधाता,तेरे चरणों में वंदन है।
तेरी कर्ज चुका न पाऊ,मेरा सादर अभिनन्दन है।
रज कण में खेले कुदे,इस मिट्टी की सौगंध है।
हम पर दया कर मां,तेरे चरणों में अभिनंदन है।
इस मिट्टी में जन्म लिए,हम आपके पुत्र पुत्री है।
हम सबकी माता आप,तेरे चरणों में अर्पण है।
नदी नाला पर्वत पठार ,और वन सम्पदा है।
सारे चीज को दिए मां,तेरे चरणों में समर्पण है।
शीश झुकाऊ तुम पर मां,सर्वस्व न्यौछावर करते है।
हम पर कृपा कर मां,तेरे चरणों में अभिनंदन है।
****””””””***********”””””””****”*”*****
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
‌8120587822

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 587 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
Arvind trivedi
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
फूल
फूल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लोग खुश होते हैं तब
लोग खुश होते हैं तब
gurudeenverma198
कुदरत के रंग.....एक सच
कुदरत के रंग.....एक सच
Neeraj Agarwal
विश्वास
विश्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
आयेगी मौत जब
आयेगी मौत जब
Dr fauzia Naseem shad
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
गुरु बिन गति मिलती नहीं
गुरु बिन गति मिलती नहीं
अभिनव अदम्य
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुद्धिमान हर बात पर,
बुद्धिमान हर बात पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
पिया-मिलन
पिया-मिलन
Kanchan Khanna
दशरथ माँझी संग हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
दशरथ माँझी संग हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"महापाप"
Dr. Kishan tandon kranti
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
2529.पूर्णिका
2529.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
यादें
यादें
Johnny Ahmed 'क़ैस'
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
*सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)*
*सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
Loading...