*मातृत्व*
मातृत्व
नारी की पूर्णता का आभाष है मातृत्व,,
स्वयं से स्वयं का विकास है मातृत्व,,
सब सुनसान बेकार सा है इस बिन,,
दुःखी मन की एक आस है मातृत्व,,
मालो दौलत भी कम ही है जीवन मैं,,
सारी दुनिया मैं बहुत खास है मातृत्व,,
जिंदगी मिली जिससे वो भी माँ है,,
माँ का माँ पर विश्वास है मातृत्व,,
मनु की इस दुनिया मैं वीरानी होती,,
खुशी का एक यहसास है मातृत्व,,
?मानक लाल मनु?