Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2020 · 1 min read

-माता-पिता

मां तो मां होती है,
कड़कती धूप में छांव है मां,
उदास चेहरे की मुस्कान है मां
जान से भी ज्यादा स्नेह लुटाती है मां,
बिना स्वार्थ के बच्चों के लिए हाजिर है मां,
ममता का अनमोल खजाना है मां,
*****
पिता का साया बनाता सुंदर भविष्य हमारा,
त्याग का भरा पिटारा है पिता,
अपने सुखों को भूलकर…
बच्चों की खुशियों को जुटाता है पिता,
संघर्ष में जी कर भी, हमेशा
मुस्कराहट दिखाता है पिता,
खुशकिस्मत होते हैं वो जो माता-पिता के साथ है,
भूल कर भी दिल न दुखे उनका,बस
यही असली जिंदगी की की बात है।
-सीमा गुप्ता

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
💐प्रेम कौतुक-443💐
💐प्रेम कौतुक-443💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
★बरसात की टपकती बूंद ★
★बरसात की टपकती बूंद ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
कविता -
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
Anand Sharma
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
Satish Srijan
बदलाव
बदलाव
Dr fauzia Naseem shad
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
अनवरत....
अनवरत....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
"दण्डकारण्य"
Dr. Kishan tandon kranti
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
अनेक को दिया उजाड़
अनेक को दिया उजाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
योगी?
योगी?
Sanjay ' शून्य'
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*चरखा (बाल कविता)*
*चरखा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
#dr Arun Kumar shastri
#dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
आया सावन झूम के, झूमें तरुवर - पात।
आया सावन झूम के, झूमें तरुवर - पात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...