माता का चंद्रघंटा स्वरूप
तीसरा स्वरूप माता का चन्द्रघंटा कहलाए
आशिष माँ का जिनको मिले नैया पार लगाए
सिंह सवार होकर माँ चली मर्दन करने को
महिषासुर न जाने माँ आ रही गर्दन काटने को
असुरों का नाश करने वाली चन्द्रघंटे माता
शौर्य पराक्रम साहस को धारण करती माता
शोभित है मुख पर कान्त , अलौकिक मुस्कान
कर रही है माँ दैत्य महिशासुर का भंग मान