माता कात्यायनी
माता कात्यायनी
———————-
जय अंबे जगमाता कात्यायनी।
सदा करें भक्तों पे कृपा महारानी।।
वसी हे माता ऊंचे पहाड़ो,
वास है बैजनाथ तुम्हार।
मां का जो सुमिरन करे,
भक्तों की सुने पुकार ।।
मंदिर-मंदिर जयकारा होए,
दीप जोत जले तुम्हारी ।
लाल चुनरिया मां को भाए,
कात्यायनी महिमा न्यारी ।।
सकल संकट हर लीजे,
उर से जो भक्त पुकारे।
घट-घट हे मां का डेरा,
रणचण्डी सब कष्ट निवारे ।।
करें सिंह की सवारी,
सुदर्शन चक्र हाथ लिए।
किया दुष्टों का संहार,
जग में अलौकिक तेज किए ।।
सुषमा सिंह *उर्मि,,