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9 Dec 2021 · 1 min read

माता कात्यायनी

माता कात्यायनी
मनहरणघनाक्षरी

जय माता कात्यायनी,
वैभव सुख दायिनी,
शेर की सवारी करें,
आभा बेशुमार है।

वरद हस्त धारिणी,
अभय वर तारिणी,
जलज, खडग सोहे,
करे बेड़ा पार है।

कंचन सी देह धारी,
सुर्ख लाल साड़ी प्यारी,
रतन मुकुट धारी,
शक्ति का भंडार है।

त्रिदेव है नित जापे,
थर- थर दैत्य कांपे,
जग का कल्याण करें,
करती कल्याण है।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
372 Views
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