माता अहिल्याबाई होल्कर जयंती
“माता अहिल्याबाई होल्कर जयंती”
वो रानी नहीं महारानी थी
वो माता नहीं राजमाता थी
एक चरवाहे के घर में जन्म लिया
होल्कर बंश की शान हुई ,
वो रानी नहीं महारानी थी
जिसके खौफ से थर्रा उठते थे
दुश्मन वो एसी वीरांगना महारानी थी,
वो रानी नहीं महारानी थी
जब महिलाओं को पड़ने लिखने
का अधिकार नहीं था
तब उसने कलम अपने हाँथ में थामी थी
एक हाँथ में कलम और दूजे हाँथ में तलवार थी
ऐसी उसकी अपार कहानी थी,
वो रानी नहीं महारानी रानी थी
शिव का और उसका बचपन से
मन का था जो नाता
इसी वज़ह से तो वो शिव भक्त कहलाती थी,
वो रानी नहीं महारानी थी
वो रानी नहीं महारानी थी