*माखन-मिश्री खाओ जी (भक्ति गीतिका)*
माखन-मिश्री खाओ जी (भक्ति गीतिका)
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( 1 )
पंजीरी का भोग लगाओ ,माखन-मिश्री खाओ जी
झूला झूलो मेरे आँगन ,मंगल मोद मनाओ जी
( 2 )
यमुना तट पर धवल चाँदनी ,में फिर रास रचाओ जी
खुद भी आओ और साथ में ,राधा को भी लाओ जी
( 3 )
कालियनाग एक विषधर से ,यमुना-नीर बचाओ जी
खेल-खेल में यमुना का जल ,केशव शुद्ध कराओ जी
( 4 )
नदी बहाओ दूध-दही की ,ग्वाला बन कर आओ जी
गोप-गोपियाँ झूमें नाचें ,बंसी मधुर बजाओ जी
( 5 )
छिड़ा महाभारत है अब भी ,सही राह दिखलाओ जी
चक्र सुदर्शन धारी हमको ,गीता-ज्ञान सुनाओ जी
★★★★★★★★★★★★★★★
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451