मां
वो तब से हमें महसूस करती है
जब खुद का भी अहसास नहीं था
वो तब से हमारा पेट भरती है
जब भूख का भी आभास नहीं था
वो तब से हमारी धड़कन सुनती है
जब दिल भी हमारे पास नहीं था
वो तब से हमारे लिए जीती है
जब जीने का उल्लास नहीं था
वो ही करती है सब कुछ फिर क्यों
नाम में मेरे उसका कोई नाम नहीं था?