मां
किसको कहे हम अपना उस बिन नही गुज़ारा।
मां नाम है उसी का मेरा है बो सहारा।
आंचल के तले उसके सब चैन से सोते हैं।
दुनिया में कोई मां से होता नहीं है प्यारा ।
उंगली पकड़ के उसने चलना हम सिखाया।
उसके ही दम से मैंने पाया दुनिया का सब नज़ारा।
दुनिया भी मेरी तू है मंजिल भी मेरी तू है।
जीने को चाहिए यह मां साथ ये तुम्हारा ।
इस जिंदगी की आरज़ू मां अब बनी है तूही ।
मां के बिना इस दुनिया में अब नहीं गुज़ारा।।