मां
💫✨माँ सुना है आज आपका दिन होता है
कौन ऐसा दिन होता है जो आपके बिन होता है।
लेकिन संसार की रितियाँ नीतियाँ की बात मानी जाए
जिसने हमको लिखा आज कलम उसपर चलाइ जाए
हम अनभिज्ञ अंजान से ते इस संसार से
जब गर्भ में ईश्वर ने दिया वास ने
पता है माँ इसी को संसार समझता था
खेलता कूदता और उछलता रहता था
परन्तु भगवान को ये कब स्वीकार था
क्योकि देना तो उन्हें कष्टों का वार था
कोई नही माँ आपके साथ हमे सब स्वीकार था
अर्जुन जनने के बाद रण के लिये तैयार था ।
आँखे खुली बड़ा अचरज हुआ यही संसार है
माँ के साथ रहकर हमें अब करना चमत्कार है ।
पर बच्चा था ना बार -बार गिरा ठोकरे खाइ
आपके ममत्व से पीड़ा पर लग जाती दवाइ ।
माँ याद है मुझे जब मैं चलते – चलते गिर जाता था
आपके अंगुली फिरा देने से चोट छु मंतर हो जाता था
माँ संसार को हम सीधा-साधा समझते थे
इसके इतने क्रूरता का अंदाज भी नही करते थे ।
बीता बचपन आइ योवन तब एहसास हुआ
जब निदर्यी दुनिया सें सामना बारंबार हुआ
माँ कहाँ कोई आपके जैसा यहा मिला
सब तो स्व स्वार्थ में सना लिपटा मिला
माँ बस आपका प्यार ही निस्वार्थ है
बाकी दुनिया में सर्वव्याप्त स्वार्थ है ।
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