मां शैलपुत्री
पर्वतराज हिमालय के
घर बेटी एक आई
दाएं हाथ में त्रिशूल
बाएं हाथ में कमल लाई
वृषभ है वाहन इसका
इसलिए वृषारूढ़ा कहलाई
प्रथम नवरात्रि पर जगत ने
शैलपुत्री की ज्योत जलाई
प्रथम शरद तो दुजे चैत्र नवरात्रि
वर्ष में दो-दो बार पूजन का अवसर लाई
मां कि महिमा को हैं सारा जग जानत
मानवता को बचाने हर बार धरा पर आई
#किसानपुत्री_शोभा_यादव