मां शारदे वंदना
शीर्षक – मांँ शारदे वंदना
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हम सभी मांँ शारदे वंदना करतें हैंं।
विधा की तुम विधाता प्रार्थना करते हैं।
मांँ शारदे वंदना जो हम सभी बोलते हैं।
शब्द हमारे ब्रह्मांड में प्रार्थना बन विचरते हैं।
शब्दों की महिमा और गरिमा आप जानती हैं।
मानवता की मांँ शारदे वंदना हम करतें हैं।
संगीत और सुरों की सरगम जन्म देती हैं।
मांँ शारदे वंदना हां हम मन भावों में करतें हैं।
शुभ दिन और शुभ संध्या वंदन हम करतें हैं।
ध्यान सरस्वती विद्या दायिनी का हम करते हैं।
भक्ति और श्रृद्धा के सुमन अर्पित हम करतें हैं।
मांँ शारदे वंदना हे मांँ शारदे वंदना करते हैं।
रुप तेरे अनंत हम तो केवल वंदना करते हैं।
हम भक्त मांँ शारदे वंदना आपकी करतें हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र