मां भारती के लाल हम
ना हम हिंदू ना मुसलमान, सिक्ख ना ईसाई हम
भाई हम चारों सगे, मां भारती के लाल हम
दुख मुसीबत साथ में, मिलकर सहते हैं सदा
साथ ही जीते सदा, और साथ ही मरते सदा
मादरे वतन की आन पर, हम कभी झुकते नहीं
शान है तिरंगा हमारी, करते जान की परवाह नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी