मां नही भूलती
रोजमर्रा के कामों में
बहुत कुछ जल्दबाजी में
अक्सर भूल जाती हूं
घर में कहा रक्खी चाभियां
नही मिलती बाल काढ़ते समय कंघिया
उठा कर रखना बिस्तर पे पड़ा तौलिया
बाहर निकालना हफ्तों से फ्रिज में पड़ी सब्जियां
नाश्ते के बाद लेने वाली दवाईयां
पर मां तुम कभी नहीं भूलती
हमेशा जेहन में रहती हो
दूर चाहे जितनी भी हो
दिल के हमेशा करीब रहती हो
भूल जाती हूं कभी-कभी
अर्से बाद मिले शख्स का नाम
क्यों आई थी किचन में याद नहीं आता वह काम
भूल जाती हूं भगवन को करना संध्या प्रणाम
पर मां तुम कभी नहीं भूलती
जीवन चलता है बस सबका
और जिंदगी में भागदौड़ रहती है
मां जैसी भी हो सबको हर पल याद रहती है