Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

मां शारदा की वंदना

माता मेरी कहती है,शारदे का मोल नहीं,
बुद्धि शुद्ध करो अम्ब , सत्य वाला ज्ञान हो |

श्वेत वस्त्र धारिणी मां, जय वीणा वादिनी मां,
ज्ञान का प्रकाश फैले , भक्ति रूपी दान हो |

पुत्र की पुकार सुनो, शरण तुम्हारी माता,
तेज,शक्ति,ज्ञान, बुद्धि, देती वरदान हो |

ब्रह्म का प्रकाश कर, मेरी ज्ञान दायिनी मां,
दीजिये दुलार मातु , पुत्र का भी मान हो |

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
8/219,विकास नगर, लखनऊ
226022
9450022526 मोबाइल

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
Kshma Urmila
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"फ्रांस के हालात
*प्रणय प्रभात*
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
Phool gufran
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
वो गली भी सूनी हों गयीं
वो गली भी सूनी हों गयीं
The_dk_poetry
तू याद कर
तू याद कर
Shekhar Chandra Mitra
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
3420⚘ *पूर्णिका* ⚘
3420⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
स्वर्णिम दौर
स्वर्णिम दौर
Dr. Kishan tandon kranti
लिखना
लिखना
Shweta Soni
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
Loading...