मां की याद आती है🧑💻
हे मां ?
तुम मां की मां हो
जगत जननी कहलाती हो
तुम अबला नहीं सबला हो
सबल संतान बनाती हो ॥
राम कृष्ण महाबीर बुद्ध की
मां बनकर पूजी जाती हो
आंखों में आंसू आंचल में दूध
पान करा सूर्यवीर बनाती हो
हे माँ ? बहुत याद आती हो ॥
तेरे नन्हे सबके मुन्ने
वीर सिपाही बनकर
देश की रक्षा करते हैं
मां की बिंदिया चमकाने ॥
कुर्बानी को भी गले लगाते
ऐसे रण वीरों की बनी मां
मन ही मन इठलाती हो
हे माँ बहुत याद आती हो ॥
वक्त वक्त बन रण चंडी
समर शेष कर आप जग में
दुर्गा काली कहलाती हो
हे माँ बहुत याद आती हो ॥
मां तुम जन्म से भोली
तेरी खाली ना होती झोली
ममता प्यार भरा धन रत्न
बच्चे जीवन किस्ती खेते हैं
पतवार बन कष्ट तुफानों में
लक्ष्य पर पहुंचाती हो ॥
माता न कुमाता होती
पुत्र कुपुत्र हो जाता है
पर दूध याद कसम दे
सुपुत्र इन्हें बनाती हो
हे मां बहुत याद आती हो ॥
पहले जन गण मन
तब तन मन धन
राष्ट्र सर्वोपरि जनहित
पाठ पढ़ा मातृ भूमी की
रक्षा संस्कार भरती हो ॥
आचार संहिता पालन
कर तब लाल तेरा ?
समर क्षेत्र कूच करता
वंदे मातरम वंदे मातरम ॥
कह आगे बढ़ता जाता
दुश्मनों को ढेर लगा
दूध का कर्ज चुका कह
मां तुम याद आती हो
चिर निद्रा ले लेता है ॥
ऐसे रणवाकुरे की माँ
बहुत याद आती हो
शत शत नमन मां तुझे
श्रद्धा पुष्प अर्पित करता हूं ॥
परम प्यारी जगत जननी मां
वाणी को विराम देता हूं ।
जय माँ जय माँ कर नित
सकून मैं पाता हूं ।
सकून मैं पाता हूं ॥
💓🌷🌹🙏🙏
तारकेशवर प्रसाद तरूण