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4 Mar 2024 · 1 min read

*** मां की यादें ***

*** मां की यादें ***
तेरी यादें सभी को रूलातीं है
हे मांऽऽ, हे मांऽऽ,
हे मां तेरी याद बहुत आती है

मां के जैसा जहां में है कोई नहीं
जब-जब रोया था मैं मां भी सोई नहीं

कहीं भी, कभी भी, जब जैसा रहा
मां के आंचल के साये सकूं से रहा

“चुन्नू”दुवाओं के मां का रहा ये असर
‌ छू सकी न बला कोई अब तक मुझे

ख्वाब में आके लोरी सुनाती है
हे मांऽऽ, हे मांऽऽ,
हे मां तेरी याद बहुत आती है

•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)

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