मां की पुण्यतिथि
प्रेम भरी मुस्काती सूरत, प्रेम भरी वे यादें
अंतर्मन में बसी हुईं, मां तेरी सौगातें
याद तो आती है मां तेरी, यादों में जी लेते हैं
उन भोली भाली बातों का, हम अमृत पी लेते हैं
कितना सहज सरल जीवन, हम सोचसोच रह जाते हैं
प्रेम तपस्या करुणा के पल, याद हृदय में आते हैं
साथ बिताए एक एक पल, मुस्कान आज दे जाते हैं
आंखों में दो अश्रु बिंदु, अनायास आ जाते हैं
माता जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी