मां आदि शक्ति
मां आदि शक्ति
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जय हो मां कूष्मांडा, जगत सुख करनी
भक्तों का हरौ क्लेश दुख हरनी ।।
सभी पर दया करें,मां के उर में ममताभारी।
सकल भक्त कर सुमिरन तेरा,
सुनलें माता अरज हमारी।।
करो दूर जन-जन का संकट
मेरे काज सफल कर दीजै।
सबके जीवन में माता,
ज्ञान भंडार भर दीजै ।।
मां का जो कर पूजन,
आयु,यश,और बल माता दीजै।
आदिशक्ति भी कहलाती,
सूर्य सा प्रकाश कर दीजै।।
अष्टभुजा देवी माता,
हाथ कमंडल ,पुष्प कमल ,गदा लिए।
भक्तों कि करती मन्नत पूरी,
सिंह पे सवार हुए।।
मां की महिमा हे निराली,
जाने सकल संसार ।
जो भी तेरा सुमिरन कर,
हो भव सागर पार ।।
सुषमा सिंह *उर्मि,,