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19 Apr 2021 · 1 min read

मां अंबे शक्ति दे दो

मां अंबे शक्ति दे दो, मां जगदम्बे शक्ति दे दो
निर्बल मन घबराता है
इस अथाह संसार की मां
थाह नहीं पाता है
चमक दमक देख दुनिया की
मूरख मन ललचाता है
चैन नहीं पाता मां पल भर
दुनिया में दौड़ाता है
देख देख कर भोग जगत में
योग ना मन को भाता है
कैंसे बांधूं इस मन को मां
चंचल मन उड़ जाता है
सुनता नहीं आत्मा की मां
मन मूरख बहुत सताता है
दौड़ रहा है अतृप्त जगत में
तृप्त कहां हो पाता है
मां शक्ति दो मेरे मन को
निर्मल मन हो जाए
मिट जाएं सारी तृष्णाएं
सुख शांति हृदय में आ जाए
जय माता दी

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 396 Views
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