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12 May 2024 · 1 min read

माँ

माँ की क्या मैं बात कहूँ, क्या उनसे फ़रियाद करूँ,
इस जग में उसके जैसी, किसकी मैं पहचान करूँ,
माँ के आगे नतमस्तक हो, जीवन यह साकार करूँ,
तन, मन और धन सारा, माँ पर ही बलिदान करूँ।।

बचपन जिसकी गोद में बिता, उसका मैं सम्मान करूँ,
जिसने हमें योग्य बनाया, उसका जय जय गान करूँ,
उसके आँचल में रहने के, भाव मैं दिन और रात करूँ,
यदि जनम दुबारा मिले तो, उसके गर्भ की शान बनूँ ।।

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