माँ
माँ (हाइकु)
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1
माँ है महान,
सहती धूप छाँव,
घर की शान।
2
पुत्र अभागा,
छोड़ के वृद्धाश्रम,
माँ को है भागा।
3
माँ का हो वास,
स्वर्गतुल्य निवास,
मन्दिर पास।
4
माँ होती खास,
मिसरी सी है वाणी,
मधु मिठास।
5
माँ का दामन,
ममता का आँचल,
मनभावन।
6
निस्वार्थ सेवा,
सबकी सदा करे,
न मांगे मेवा।
7
वृद्ध हो जाए,
समझते हैं बोझ,
लाचार होए।
8
अंतिम सांस,
मांगती रहे साथ,
न आसपास।
9
घर की चाबी,
है वधुओं के हाथ,
यही खराबी
10
मनसीरत,
माँ नहीं है मिलती,
देता है मत।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)