माँ
“थक के टूट चुकी हूँ माँ अब
लड़ के हार चुकी हूँ माँ अब ,
बहुत रुलाया मुझे अपनों ने और ज़माने ने
पर अब बस तेरी गोदी में आना है माँ अब ,
भीगी पलकों से तेरी राह तकु हरदम
दिल की धड़कन से तेरी आवाज सुनु हर पल ,
मुश्किलों ने तजुर्बे तो बहुत दिए
पर तजुर्बे ने दिल को झकझोर दिया एकदम !
अब ना हिम्मत है न साहस है
ना जीने की भी चाहत है !
बस अपने पास छुपा ले माँ
इस दुनिया से बचा ले माँ !”