माँ
माँ आज आकर जगा दे मुझे
ये हकीकत की दुनिया दिखा दे मुझे
तूने सपनो मै कितना झुलाया मुझे
कठिन राहों का पता कब बताया मुझे
कंकड़ चुभे दर्द मुझको हुआ
तेरा होसला बन गया फिर दवा
आज खुद से ही खुद को मिला दे मुझे
माँ आज आकर जगा दे मुझे
किरणों के महल थे और रानी थी मैं
बादलों में छुपी एक कहानी थी मैं
बंद मुट्ठी में सारा आकाश था
मुझको अपने प्रयासों पे विश्वास था
इस सफर में बहुत ही कड़ी धूप है
फिर से आँचल ओढ़ा कर बचा ले मुझे
अपने सीने में फिर से छुपा ले मुझे
माँ आज आकर सुला दे मुझे